हृदय रोग के कारण, लक्षण और उपचार (12 Causes , 11 Symptoms and Prevention of Heart Disease)

हृदय रोग आज के समय में बहुत बड़ी चिंता का विषय बन चुका है | पुराने समय में इस रोग का खतरा ज्यादातर बुजुर्गों में सुना जाता था परंतु आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में बढ़ रहे मानसिक तनाव ,दूषित वातावरण तथा गलत रहन-सहन ( Life -style Problems) की वजह से कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं |हाल ही में कई प्रसिद्ध हस्तियाँ जैसे सिद्धार्थ शुक्ला और सुष्मिता सेन के हृदय रोग के समाचार से तो हम सभी वाकिफ है।

हृदय रोग के 12 मुख्य कारण (12 Main Causes of Heart Diseases)

1 . मानसिक तनाव (Mental Stress)

तनाव में रहने से व्यक्ति के खून में खराब वसा  बढ़ जाती है जिसके कारण रक्त की नलियाँ / धमनियाँ (Arteries)  संकुचित हो जाती है इससे हृदयाघात (Heart Attack) व स्ट्रोक(Stroke) का खतरा बढ़ जाता है |

2. मांसाहार (Non – Vegetarian Food)

इस रोग के कारणों में से एक कारण है  – मांसाहार करना| जब एक जानवर को मारा जाता है तो उसके शरीर में कुछ ऐसे रासायनिक तत्व(Chemicals) पैदा होते हैं, जो उस मांस खाने वाले के शरीर में जाकर हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं |

3. अनुवांशिकता (Genetic /Hereditary)

यदि किसी के माता-पिता दादा-दादी या नाना-नानी को दिल की बीमारी(Cardio-Vascular Disease) रही हो , तो उसे भी इस रोग के होने की पूरी संभावना होती है|

4. मधुमेह (Diabetes)

मधुमेह के मरीजों के रक्त में शुगर( Sugar) की मात्रा अधिक होने के कारण, समय के साथ धमनियों को नुकसान पहुंचता है| उनमें Plaque का जमाव ,Rupture होने का एवं Blockage का खतरा पैदा हो सकता है| इसके साथ ही हृदय की मांसपेशियां(Heart – Muscles) कमजोर होकर अच्छी तरह से खून का बहाव(blood pumping) करने में सक्षम नहीं रह पाती| इसका नतीजाHeart- Failure भी हो सकता है|

High B.P.
High B.P: Cause of Heart Disease

5. उच्च रक्तचाप (High Blood – Pressure)

यह समस्या दिल पर अतिरिक्त दबाव डालती है जिसकी वजह से हृदय को पूरे शरीर में blood pump करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ता है |अधिक समय तक यही स्थिति रहने पर Heart  के Left Ventricle बड़ी (enlarge) हो जाती है और हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती है|

6. मोटापा (Obesity)

मोटापे के कारण धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है जिससे धमनियाँ कठोर हो जाती हैं और उनमें संकुचन कम हो जाता है |इसका नतीजा यह होता है कि हृदय को पूरा ब्लड फ्लो नहीं मिल पाता जिससे एंजाइना और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है|

7. विटामिन B और E की कमी (Vitamin B and E Deficiency)

विटामिन B1 (Thiamine) रक्त के ग्लूकोस का उपयोग और रक्त प्रवाह को संभालने में मदद करता है। इसका कम स्तर Irregular Heart  beat का कारण बन सकता है|

विटामिन B6 की कमी से Homocysteine  का स्तर बढ़ सकता है जो हृदय के लिए खतरा है |

विटामिन B12 की कमी हृदय की मांसपेशियों  (Heart Muscles) के लिए हानिकारक है तथा हृदय से संबंधित और समस्याओं को भी बढ़ा सकते हैं |

विटामिन E  एक मुख्य एंटीऑक्सीडेंट है जो हानिकारक Radicles को नष्ट करके हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है| इसकी कमी से हृदय पर प्रतिकूल असर पड़ता है |

8. क्रोध और चिंता (Anger and Anxiety)

चिंता और क्रोध शरीर मेंInflammation  को बढ़ाता है, इसके साथ ही शरीर में हार्मोन Adrenaline (Stress Hormone)अधिक release होता है जिससे हृदय का दबाव बढ़ जाता है

9. कोलेस्ट्रोल का बढ़ना (Cholesterol)

जब खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो यह धमनियों (Arteries) में जमा होकर उन्हें संकरा (Narrow) कर देता है |तंग धमनियाँ  उच्च रक्तचाप (High B.P.)का कारण बनती हैऔर यदि इसमें रक्त का थक्का अटक जाए तो दिल का दौरा(Heart Attack) पड़ सकता है जो मृत्यु का कारण बनता है |

10. सदमा या मानसिक आघात (Trauma)

बहुत अधिक खुशी या बहुत अधिक शोक हृदय को आघात पहुंचाते हैं |इसके कारण हृदय का दौरा (Heart Attack)  या फिर Heart Fail  भी हो सकता है |

11. धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol)

सिगरेट में मौजूद निकोटिन (Nicotine) धमनियों की दीवारों को कठोर और सकरा बना देता है जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है|

ज़्यादा और लगातार शराब पीने से उच्च रक्तचाप हो सकता है,ह्रदय की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं |इससे कार्डियोमायोपैथी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसमें हृदय बड़ा हो जाता है और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है| शराब ह्रदय- ध्वनि को अनियमित कर देती है |

12. खराब जीवनशैली (Lifestyle problems)

ऑफिस में कई घंटे लगातार बैठे रहना, व्यायाम ना करना |इन सब से पाचन क्रिया में खराबी आती हैं, शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है और रक्त-चाप बढ़ता है|

अधिक तली भुनी वस्तुएं, मेवे , चॉकलेट ,आइसक्रीम आदि खाने से रक्त में खराब किस्म की चर्बी बढ़ जाती है| फिर धमनियों में जमकर उन्हें संकुचित कर देती है,जिससे हृदय रोग होते  हैं |

हृदय रोग के 11 लक्षण (11 Symptoms of Heart Disease)

आइए जानते हैं ह्रदय के रोगों के क्या-क्या लक्षण देखने को मिलते हैं –

1. Chest Pain

छाती में भयंकर दर्द ,तड़पना | दर्द  बाँह तक जाता है |

2. Palpitation

दिल की धड़कन तेज़ और बड़ी हुई होना।

3. Persistent Headache

सिर में लगातार दर्द का बना रहना।

4. Orthopnea

लेटने की स्थिति में सांस लेने में कष्ट होना ।

5. Syncope

मूर्छित यानी बेहोश होना ।

6. Ankle’s Swelling

टखनों पर सूजन आना, पैरों पर भी सूजन होना।

7. Sweating

बहुत अधिक पसीना आना।

8. Vertigo

चक्कर आना।

9. Seeing Double

एक के दो दिखना खतरनाक लक्षण होता है ।

10. Indigestion

अपच से खट्टी या सामान्य डकारें आना।

11. Cardiac Arrest

अचानक हृदय की धड़कन पूरी तरह से बंद हो कर मृत्यु होना।

हृदय रोग का खतरा और खानपान (How is Heart Disease Risk related to Diet?)

       क्या न खाएं  (Foods To Avoid)

  • भारी,गरिष्ठ तेज़ – मसालेदार, चटपटे व तले हुए पदाथ न खाएं।
  • मांसाहार, अंडा, शराब, तंबाकू, कड़क चाय – कॉफी ,पनीर से परहेज करें ।
  • घी, मक्खन, वनस्पति घी, नारियल का तेल,पाम तेल, मलाई ,आइसक्रीम ,चॉकलेट, बिस्कुट का सेवन न करें।
  • नमक का अधिक सेवन न करें।
  • अचार, पापड़ ,चटनी के सेवन से परहेज़ करें।
  • मीठी चीजें ,चीनी तथा कोल्ड्रिंक्स का प्रयोग कम से कम करें।

    क्या खाएं  (Best Diet For Heart Health)

  • चोकर सहित आटे की रोटी, गेहूं का दलिया ,छिलके वाली मूंग की दाल तथा अंकुरित गेहूं का सेवन करें ।
  • ताजा मीठा दही, गाय का दूध, वसा रहित दूध ,गुड़, शहद, बादाम, पिस्ता ,मकई, छिलका – युक्त देसी चना खाए।
  • फलों में अनार , अंगूर ,आमला , सेब , लीची, अमरुद व नींबू का सेवन करें ।
  • सब्जियों में पालक, लहसुन ,गाजर ,मूली, टमाटर ,अदरक, धनिया, प्याज़,चौलाई तथा अरबी खाएं। लहसुन तथा अदरक  Cholesterolकम करके रक्त का थक्का बनने से रोकता है।
  • हल्का – सुपाच्य, संतुलित भोजन खाएं। कम मात्रा में भोजन लें।
  • एक कप मट्ठा या छाछ सुबह -दोपहर भोजन के बाद पिएं।

दिल की बीमारी से बचाव (Prevention Of Heart Disease)

        क्या करें ( Do’s)

  • खुली हवा में नियमित रूप से घूमने जाएं।
  • योगासन और प्राणायाम नियम से करें।
  • साइकिल चलाना जारी रखें ।
  • सरसों के तेल से पूरे शरीर की मालिश करें ।
  • चिंता , क्रोध व मानसिक तनाव को दूर करने का प्रयास करें।
  • मित्रों के साथ मिलें-जुलें , हंसें और हंसाएं और अपना मनोरंजन करें।
  • आत्मविश्वासी बनें।
  • जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
  • पेट में कब्ज़ न होने दें।

    क्या न करें ( Don’ts)

  • धूम्रपान व शराब के सेवन से परहेज करें ।
  • आलसी न बनें ,अपने शरीर को चुस्त रखें ।
  • निराशा ,हताशा और चिंता से दूर रहें ।
  • अपनी सेहत के प्रति लापरवाही न बरतें ।
  • अपना वज़न न बढ़ने दें।

 

 

 

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